IDF ने गाजा के अस्पताल से पकड़े हमास के 100 लड़ाके, मिला हथियारों का बड़ा जखीरा

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गाजा में इजरायली सेना का सैन्य ऑपरेशन लगातार जारी है. इस बीच आईडीएफ ने हमास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके लड़ाके अस्पताल को अपने ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. इतना ही ही अस्पताल आने-जाने वाली एंबुलेंस का इस्तेमाल अपनी आवाजाही के लिए कर रहे हैं. उसका कहना है कि हमास के लड़ाके कमल अदवान अस्पताल में मौजूद हैं. उनका पूरी इमारत पर कब्जा है. यहां से करीब 100 लड़ाके पकड़े गए हैं.

आईडीएफ ने बताया कि एक एंबुलेंस के ड्राइवर को संदेह के आधार पर पकड़ा गया. उसने पूछताछ के दौरान बताया कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए कमाल अदवान अस्पताल का उपयोग किया जा रहा है. अस्पताल में हथियारों का जखीरा रखा हुआ है. इसके बाद एक ऑपरेशन के दौरान आईडीएफ ने वहां से करीब 100 आतंकियों को पकड़ा है, जो आम लोगों की आड़ में भागने की कोशिश कर रहे थे. यहां से आतंकी फंड और खुफिया दस्तावेज भी मिले हैं.

उधर, गाजा में इजरायली सैन्य ऑपरेशन की वजह से आम लोग खून के आंसू रोने पर मजबूर हो गए हैं. चारों तरफ मलबे में तब्दील इमारतें, शवों के ढेर, चींखते-चिल्लाते लोग और अफरा-तफरी नजर आ रही है. ये दर्दनाकर तस्वीरें किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाली है. रविवार को इज़रायली सेना ने एक स्कूल में शरण लेने वाले शती कैंप को निशाना बनाया. इस हमले में 9 फिलिस्तीनियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 20 लोग ज़ख्मी हो गए.

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इनमें कई फिलिस्तीनियों की हालत गंभीर बनी हुई है. मरने वालों में तीन फिलिस्तीनी पत्रकार भी शामिल हैं. इनमें हमास अल-अक्सा टेलीविजन में डिजिटल मीडिया के प्रमुख सईद राडवान, हनिन बरौद और हमजा अबू सेलमेया भी मारे गए. 7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजरायली हमले में अबतक 180 पत्रकारों की मौत हो चुकी है. इस हमले पर इज़रायली सेना की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उसमें कहा गया है कि वो स्कूल पर हमले की रिपोर्ट पर गौर कर रहे हैं.

हालांकि, इन सबके बीच एक राहत देने वाली खबर भी सामने आ रही है. इजरायल और हमास के बीच गाजा में पिछले एक साल से छिड़ी जंग थम सकती है. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतेह अल सीसी ने इस जंग को रोकने के लिए प्रस्ताव दिया है. उनका कहना है कि उनके देश ने इजरायल और हमास के बीच दो दिन के संघर्षविराम का प्रस्ताव रखा है. इस दौरान गाजा में बंधक बनाए गए चार इजरायलियों को रिहा कर दिया जाएगा.

इसके बदले में इजरायल के जेलों में बंद कुछ फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाना शामिल है. ये पहली बार है जब मिस्र के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से ऐसी योजना प्रस्तावित की है. माना जा रहा है कि मिस्र के राष्ट्रपति की ओर से इस तरह का प्रस्ताव, पिछले एक साल से चली आ रही जंग को स्थाई युद्धविराम की तरफ ले जाएगा. लेकिन इस पर इजरायल या हमास की प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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बताते चलें कि गाजा में जंग रोकने के लिए कतर और अमेरिका के साथ मिस्र एक प्रमुख मध्यस्थ रहा है. युद्धविराम के लिए काहिरा में कई दौर की बात भी हुई है. हालांकि, मिस्र के राष्ट्रपति की ओर से आए इस प्रस्ताव पर इजरायल या हमास की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. अल-सिसी ने कहा कि प्रस्ताव का उद्देश्य स्थिति को बेहतर करने का रास्ता साफ करना है. इसे स्थायी बनाने के लिए बातचीत जारी रहेगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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